The Basic Principles Of sidh kunjika
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स more info वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः